क्लर्स चैनल पर प्रसारित होने वाला शो बिग बॉस भले ही कामकाजी और व्यस्त लोगों के लिये बकवास या फालतू शो हो, मगर कुछ युवा वर्ग, छात्रों और घरों मे रहने वाली महिला को यह शो बखूवी एक रोचक और वेतहाशा खुशी प्रदान करता है। इस शो कि लोकप्रियता और रोचकता को करीब से जानने का मौका तब मिला जब मेरी मुलाकात ऐसे ही युवको और युवतियों से एक शादी के कार्यक्रम मे हुई। शुरुआत में उन्लोगों का विचार बहुत हद तक एक जैसा प्रतीत होता नही दिखाई दिया। मगर बाद में शो के कुछ रोचक घटनाओं कि चर्चा सारे विचार को एकमत कर दिया। किसी को कलौडिया कि अटकती हिन्दी पसन्द है, तो किसी को तनाज का डिसअपेअर्। ह्द तो तब हो गया जब उनमे से एक ने राजू श्रीवास्तव के पैंट खिसकने कि चर्चा छेड़ दी। बस क्या था, शूरु हो गई कहानी। कोई खिसकते पैंट का विवरण प्रस्तुत कर रहा था, तो कोई खिसकी हुई पैंट का।
आसपास खड़े लोग भी इस लाईव चर्चा का बखूवी मजा ले रहे थे। शर्म से आँखे झुकाए कुछ युवतियाँ भी मन-ही-मन हँस रही थी। धीरे-धीरे चर्चा बढता गया। कई सारे पहलू पर तर्क-वितर्क के साथ-साथ हँसी-मजाक भी होता रहा। हम युवाओं कि इस मस्ती को देख पास खड़े बुजुर्ग को भी नही रहा गया। वो भी अपने हिलते-डुलते कदमों के साथ हमारे पास आ गए। थोड़ी देर चुप -चाप खड़े होकर हमारी बातों को सुनते रहे। आखीर कब तक चुप रहते। अंत मे बोल ही दिया"तो चलो अब बिग बॉस को देखने मे टाइम लौस नही है। मै भी कल से रामायण और गीता पढने की बजाए टीवी पर ही सुंदर कांड का मजा लूगाँ। साल मे एक बार तो देखने को मिलता है्। और जब सारी फैमली एक साथ बैठ कर इसे देखते है तो मै क्यो नही?"
उनके इस विचार को सुन हमने ज़ोर की ठहाके लगाई और फिर पार्टी मे व्यस्त हो गये।
विकास कुमार चौहान।
The worldwide economic crisis and Brexit
9 years ago