Monday, April 12, 2010

यादों की रात

अभी भी याद आती है, वो रात,
जब मिले थे हम दोनों एक जगह एक साथ।
पहली मुलाकात थी, अजीब सी बात थी,
तुम्हारा बार-बार शर्माना और शर्माकर नज़रे चुराना,
बना रहा था मुझे एकदम पागल दिवाना।
मैं कुछ देर यूं ही तुम्हे निहारता रहा,
तेरी आँखों में अपना प्यार भरता रहा।
हमने उसी रात एक होने और उम्र भर साथ बिताने का वादा किया था,
बरसों से मन में दबे हुए प्यार का खुलासा किया था,
तुम मेरी हो और बस मेरी ही रहोगी कुछ ऐसा ही साझा किया था।
मगर अब तो बस तेरी यादें हैं मेरे साथ,
न जाने छोड़कर मेझे अकेले चली गई किस दिवाने के साथ!
अभी भी याद आती है वो रात, वो मुलाकात………

विकास कुमार