Friday, January 13, 2012

संभलो कि ये नेता हैं

चुनावी बयार में उड़ाते अपने बयानों को,
चुनावी बाजार में लूटाते अपने वादों को।
चुनावी त्योहार में लुभाते मतदाताओं को,
देखो जरा नेताजी के आचार-विचार को।
संभलो कि ये नेता हैं,
जानों कि ये चुनावी अभिनेता हैं।
नापो कि किसका दौर है,
लक्ष्य उसका विकास या कुछ और है!
दबाओ बटन वहीं, जो नेता है सही!
अगर अब भी ना तुम समझ पाओगे,
गलत नेताओं को ही जिताओगे,
ऐसे ही लूटे जाओगे।

विकास कुमार